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HMPV वायरस: भारत में दस्तक, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

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चीन में शुरू हुआ ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) अब भारत तक पहुंच चुका है। कर्नाटक में इसके दो मामले सामने आ चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। केरल में भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार ने WHO से इस वायरस से जुड़ी हर जानकारी समय पर देने को कहा है।

HMPV वायरस क्या है और कैसे फैलता है?

HMPV एक ऐसा वायरस है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। यह सर्दियों के मौसम में ज्यादा सक्रिय होता है और संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है।

HMPV के लक्षण

इस वायरस के संक्रमण से निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  • खांसी
  • बुखार
  • गले में खराश
  • नाक बहना या जाम होना
  • सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)

किसके लिए खतरनाक है HMPV?

HMPV वायरस कम उम्र के बच्चों, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।

  • फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों में इसके गंभीर लक्षण, जैसे न्यूमोनिया और ब्रोंकोलाइटिस, देखने को मिल सकते हैं।
  • अमेरिकी लंग एसोसिएशन के मुताबिक, इसे एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के तौर पर पहचाना गया है।

इस वायरस की पहचान पहली बार 2001 में नीदरलैंड में हुई थी और यह खासतौर पर सर्दियों और वसंत ऋतु में फेफड़ों की बीमारी का कारण बनता है।

HMPV से बचाव कैसे करें?

अभी तक इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन या विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, निम्नलिखित सावधानियां बरतकर संक्रमण से बचा जा सकता है:

  • नियमित रूप से हाथ धोएं।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • अपनी इम्यूनिटी मजबूत रखने के लिए पोषण और हाइड्रेशन का ध्यान रखें।
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।

क्या करें गंभीर मामलों में?

ज्यादातर लोग आराम और पर्याप्त पानी पीने से ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर मामलों में, ऑक्सीजन थेरेपी और अस्पताल में इलाज की आवश्यकता हो सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। सर्दियों में विशेष सतर्कता बरतकर और स्वास्थ्य पर ध्यान देकर HMPV से बचा जा सकता है।

यदि आपके आसपास कोई HMPV से संबंधित लक्षण दिखाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बचाव के सभी उपाय अपनाएं।

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