cancer kya hai

कैंसर के 10 प्रमुख संकेत जिन्हें नजरअंदाज न करें

कैंसर एक गंभीर और जटिल बीमारी है, जो तब होती है जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर या गांठ का निर्माण करती हैं। यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है और यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकती है। सामान्य तौर पर, हमारे शरीर की कोशिकाएं नियंत्रित ढंग से विभाजित और मरती रहती हैं, लेकिन जब यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, तो कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं।

कैंसर को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • सॉलिड ट्यूमर (Solid Tumor) – जैसे ब्रेन ट्यूमर, स्तन कैंसर।
  • लिक्विड कैंसर (Liquid Cancer) – जैसे रक्त कैंसर (ल्यूकेमिया)।

आज की आधुनिक जीवनशैली कई बीमारियों का कारण बन रही है, जिनमें कैंसर प्रमुख है। हमारा रहन-सहन, खानपान, और दैनिक आदतें सीधे तौर पर हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। आधुनिक जीवनशैली से जुड़े कुछ प्रमुख कारण जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं, निम्नलिखित हैं:

अस्वास्थ्यकर आहार

  • जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, और अधिक चीनी या वसा युक्त आहार शरीर में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  • ताजे फल, सब्जियों और फाइबरयुक्त भोजन की कमी से शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ जाते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

धूम्रपान और शराब का सेवन

  • धूम्रपान फेफड़े, मुंह और गले के कैंसर का प्रमुख कारण है।
  • अत्यधिक शराब का सेवन लीवर और पाचन तंत्र के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी

नियमित व्यायाम न करने और अधिक समय तक बैठे रहने से मोटापा बढ़ता है, जो स्तन, कोलन और किडनी कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

प्रदूषण और रसायनों का संपर्क

  • वायु, जल, और खाद्य पदार्थों में मौजूद हानिकारक रसायन शरीर में कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • घरों और ऑफिस में उपयोग होने वाले प्लास्टिक, पेंट और सफाई उत्पादों में मौजूद रसायन भी हानिकारक हो सकते हैं।

विकिरण (Radiation)

  • मोबाइल फोन, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाले विकिरण के प्रभाव को कैंसर का संभावित कारण माना गया है।
  • एक्स-रे और सीटी स्कैन जैसी चिकित्सा प्रक्रियाओं का अत्यधिक उपयोग भी जोखिम को बढ़ा सकता है।

कैंसर क्या है?

कैंसर एक गंभीर और जटिल बीमारी है, जो शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होती है। सामान्य रूप से, शरीर की कोशिकाएं एक नियंत्रित प्रक्रिया के तहत विभाजित और बढ़ती हैं, लेकिन जब यह प्रक्रिया बाधित होती है, तो कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इस असामान्य वृद्धि के कारण गांठ या ट्यूमर का निर्माण हो सकता है, जो कैंसर का प्राथमिक लक्षण हो सकता है।

शरीर को तीरों से दर्शाने वाले चित्रों का त्वरित परिवर्तन, जो विशिष्ट क्षेत्रों की ओर संकेत करते हैं: विभिन्न प्रकार के कैंसर के लक्षणों के लिए स्तन, फेफड़े और पेट

कैंसर कैसे होता है?

कैंसर तब विकसित होता है, जब कोशिकाओं का डीएनए (DNA) क्षतिग्रस्त हो जाता है या उसमें बदलाव (म्यूटेशन) आ जाता है। यह बदलाव कोशिकाओं को असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने के लिए प्रेरित करता है। समय के साथ, ये कोशिकाएं एकत्रित होकर ट्यूमर बनाती हैं।

  • सॉलिड ट्यूमर: यह एक जगह पर गांठ के रूप में विकसित होता है।
  • लिक्विड कैंसर: जैसे ल्यूकेमिया, जिसमें रक्त और अस्थि मज्जा प्रभावित होते हैं।

कैंसर के प्रकार

कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसके कुछ प्रमुख प्रकार हैं:

  • स्तन कैंसर (Breast Cancer): महिलाओं में सबसे सामान्य।
  • फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer): धूम्रपान से संबंधित।
  • त्वचा कैंसर (Skin Cancer): सूर्य की पराबैंगनी किरणों से।
  • प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer): पुरुषों में आम।
  • ल्यूकेमिया (Leukemia): रक्त से संबंधित कैंसर।

कैंसर की पहचान

कैंसर की पहचान शुरुआती चरण में करना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं। कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  • गांठ या सूजन का महसूस होना।
  • अचानक वजन घटना।
  • थकान और कमजोरी।
  • खून का बहना।
  • लगातार खांसी या गले में खराश।

दुर्लभ कैंसर प्रकार

कैंसर के कुछ प्रकार ऐसे हैं जो बहुत दुर्लभ होते हैं और जिनके बारे में आमतौर पर जागरूकता कम होती है। ये दुर्लभ कैंसर शरीर के असामान्य हिस्सों में विकसित होते हैं और इनका निदान और उपचार जटिल हो सकता है। नीचे कुछ दुर्लभ प्रकार के कैंसर के बारे में जानकारी दी गई है:

मर्केल सेल कार्सिनोमा (Merkel Cell Carcinoma)

यह एक दुर्लभ प्रकार का त्वचा कैंसर है।
मर्केल सेल्स त्वचा की सतह के नीचे पाई जाती हैं।
यह कैंसर तेजी से फैलता है और आमतौर पर चेहरे, गर्दन और सिर पर होता है।

काडमेनोमा (Chordoma)

यह कैंसर रीढ़ की हड्डी और खोपड़ी के आधार पर विकसित होता है।
यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला लेकिन गंभीर कैंसर है।
काडमेनोमा की पहचान करना मुश्किल होता है और यह सर्जरी के बाद भी दोबारा हो सकता है।

एड्रेनल कॉर्टेक्स कार्सिनोमा (Adrenal Cortex Carcinoma)

यह कैंसर एड्रेनल ग्रंथियों (Adrenal Glands) में होता है, जो हार्मोन बनाने का काम करती हैं।
यह दुर्लभ और आक्रामक कैंसर है, जो तेजी से शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।

हेपेटोब्लास्टोमा (Hepatoblastoma)

यह एक दुर्लभ प्रकार का लिवर कैंसर है, जो आमतौर पर छोटे बच्चों में होता है।
इसके लक्षणों में पेट की सूजन और वजन में गिरावट शामिल हैं।

प्लीयोमोर्फिक जैल ट्यूमर (Pleomorphic Xanthoastrocytoma)

यह ब्रेन का दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर है, जो ज्यादातर युवा वयस्कों और बच्चों में होता है।
यह कैंसर कम घातक है, लेकिन मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकता है।

पेनेट्रेटिंग डक्टल कार्सिनोमा (Penetrating Ductal Carcinoma)

यह स्तन में विकसित होने वाला दुर्लभ कैंसर है, जो डक्टल कोशिकाओं में होता है।
यह बेहद आक्रामक और तेजी से फैलने वाला होता है।

मेडुलारी थायरॉयड कार्सिनोमा (Medullary Thyroid Carcinoma)

यह थायरॉयड ग्रंथि का दुर्लभ कैंसर है, जो कैल्सिटोनिन हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं में विकसित होता है।
यह आनुवंशिक हो सकता है।

गैस्ट्रिक स्टॉमल ट्यूमर (Gastrointestinal Stromal Tumor – GIST)

  • यह कैंसर पेट और आंतों की दीवारों में मांसपेशियों के ऊतकों में विकसित होता है।
  • इसके लक्षण पेट दर्द, खून की उल्टी और पाचन में समस्या हो सकते हैं।

कपोसी सारकोमा (Kaposi Sarcoma)

  • यह दुर्लभ कैंसर त्वचा, लसिका ग्रंथियों और आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है।
  • यह आमतौर पर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में पाया जाता है, जैसे एचआईवी संक्रमित।

गैलियन ग्लियोमा (Gliomatosis Cerebri)

  • यह मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में एक साथ फैलने वाला दुर्लभ कैंसर है।
  • यह न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है।

दुर्लभ कैंसर की पहचान और उपचार

दुर्लभ कैंसर का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण आम बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं। इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और विशेष जांचों की आवश्यकता होती है।

उपचार में शामिल हो सकते हैं:

  • सर्जरी
  • कीमोथेरेपी
  • रेडियोथेरेपी
  • इम्यूनोथेरेपी

दुर्लभ कैंसर के मामले अपेक्षाकृत कम होते हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इनकी पहचान और इलाज समय पर हो सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर इनका बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है।

प्राथमिक और द्वितीयक कैंसर का वर्गीकरण

कैंसर को समझने और उसका इलाज करने के लिए इसे दो प्रमुख श्रेणियों में बांटा जाता है: प्राथमिक कैंसर और द्वितीयक कैंसर। यह वर्गीकरण कैंसर के शुरू होने के स्थान और उसके फैलाव के आधार पर किया जाता है।


1. प्राथमिक कैंसर (Primary Cancer)

प्राथमिक कैंसर उस जगह को कहा जाता है जहां कैंसर पहली बार शुरू होता है। यह कैंसर शुरुआत में सिर्फ उस अंग या ऊतक तक सीमित रहता है, जहां से यह विकसित होता है।

मुख्य विशेषताएं:

  • यह कैंसर का मूल स्रोत होता है।
  • यह अपने शुरुआती चरणों में उसी अंग या ऊतक तक सीमित रहता है।
  • समय पर इलाज करने से इसे रोकना या ठीक करना आसान हो सकता है।

उदाहरण:

  • फेफड़े का कैंसर: जो फेफड़ों में शुरू होता है।
  • स्तन कैंसर: जो स्तन की कोशिकाओं से विकसित होता है।
  • त्वचा का कैंसर: जो त्वचा की सतह पर बनता है।

2. द्वितीयक कैंसर (Secondary Cancer)

द्वितीयक कैंसर को मेटास्टेटिक कैंसर भी कहा जाता है। यह तब होता है, जब प्राथमिक कैंसर से कैंसर कोशिकाएं खून या लसिका (Lymph) के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं और वहां नए ट्यूमर बनाती हैं।

मुख्य विशेषताएं:

  • यह प्राथमिक कैंसर के फैलने से विकसित होता है।
  • शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करता है, जैसे लीवर, मस्तिष्क, फेफड़े या हड्डियां।
  • इसका इलाज ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि यह कई अंगों में फैल चुका होता है।
  • द्वितीयक कैंसर का इलाज प्राथमिक कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है।

उदाहरण:

  • फेफड़ों का द्वितीयक कैंसर: यदि स्तन कैंसर की कोशिकाएं फेफड़ों में फैल जाएं।
  • हड्डियों का द्वितीयक कैंसर: अगर प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाएं हड्डियों तक पहुंच जाएं।
  • मस्तिष्क का द्वितीयक कैंसर: जब त्वचा के मेलानोमा कैंसर की कोशिकाएं मस्तिष्क तक फैल जाएं।

प्राथमिक और द्वितीयक कैंसर के बीच अंतर

पहलूप्राथमिक कैंसरद्वितीयक कैंसर
कहां विकसित होता हैकैंसर एक अंग में पहली बार विकसित होता है।कैंसर फैलकर दूसरे अंगों में विकसित होता है।
फैलावकेवल मूल स्थान तक सीमित।खून और लसिका के जरिए अन्य हिस्सों में फैलता है।
इलाज की जटिलताशुरुआती चरण में इलाज आसान।इलाज मुश्किल, क्योंकि यह शरीर के कई हिस्सों में फैल चुका होता है।
उदाहरणस्तन, फेफड़े, या त्वचा का कैंसर।मस्तिष्क, हड्डी, या लीवर का कैंसर।

प्राथमिक और द्वितीयक कैंसर को समझने से यह जानने में मदद मिलती है कि कैंसर कहां से शुरू हुआ और यह शरीर में कैसे फैल रहा है। यह जानकारी डॉक्टरों को सही इलाज योजना बनाने और मरीज को बेहतर परिणाम देने में मदद करती है। समय पर जांच और इलाज से प्राथमिक कैंसर को द्वितीयक बनने से रोका जा सकता है, जिससे मरीज की जान बचाई जा सके।

कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cancer)

कैंसर के शुरुआती लक्षण कई बार स्पष्ट नहीं होते और इन्हें आम स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में नजरअंदाज कर दिया जाता है। हालांकि, शरीर में कुछ बदलाव लंबे समय तक बने रहें या असामान्य लगें, तो इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए। कैंसर के लक्षण उस अंग पर निर्भर करते हैं, जहां यह विकसित होता है।


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सामान्य कैंसर के लक्षण

1. वजन में बिना कारण गिरावट

अगर आपका वजन अचानक और बिना किसी खास वजह के तेजी से कम हो रहा है, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है, खासकर पेट, फेफड़े, या अग्नाशय के कैंसर में।

2. लगातार थकान महसूस होना

लगातार कमजोरी या थकान महसूस होना, जिसे आराम के बाद भी ठीक नहीं किया जा सकता, यह संकेत दे सकता है कि शरीर में कुछ असामान्य हो रहा है।

3. त्वचा में बदलाव

  • किसी तिल या त्वचा के धब्बे का आकार, रंग या बनावट बदलना।
  • घाव का लंबे समय तक ठीक न होना।
  • त्वचा का पीलापन, लाल होना या काला पड़ना।

4. लंबे समय तक बुखार रहना

अगर आपको लंबे समय से बुखार बना हुआ है, तो यह ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) या अन्य प्रकार के कैंसर का लक्षण हो सकता है।

5. गांठ या सूजन महसूस होना

  • शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ महसूस होना, जैसे स्तन, गर्दन, पेट, या अन्य क्षेत्रों में।
  • यह गांठ कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

6. खून आना या असामान्य स्राव

  • खांसी के साथ खून आना।
  • मल या पेशाब में खून दिखना।
  • मासिक धर्म के अलावा योनि से खून बहना।

7. पाचन से जुड़ी समस्याएं

  • लंबे समय तक पेट दर्द, गैस, कब्ज या डायरिया रहना।
  • निगलने में परेशानी या बार-बार अपच होना।

8. लगातार खांसी या गले में खराश

अगर खांसी या गले में खराश लंबे समय तक बनी रहती है और इसका इलाज से भी सुधार नहीं होता, तो यह फेफड़े या गले के कैंसर का लक्षण हो सकता है।

9. असामान्य दर्द

किसी खास हिस्से में बिना कारण के लगातार दर्द रहना, जैसे सिर, पीठ, या हड्डियों में, कैंसर का संकेत हो सकता है।


विशिष्ट लक्षण (Specific Symptoms)

  • फेफड़े का कैंसर: लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ।
  • स्तन कैंसर: स्तन में गांठ, त्वचा में गड्ढा पड़ना।
  • मौखिक कैंसर: मुंह में छाले या सफेद धब्बे जो ठीक न हों।
  • गैस्ट्रिक कैंसर: भूख में कमी, उल्टी में खून आना।

अगर उपरोक्त में से कोई भी लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। कैंसर का जल्द पता लगने पर इसका इलाज ज्यादा प्रभावी होता है। इसलिए अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं।

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