विषय-सूची
- टाइप 2 डायबिटीज क्या है?
- मुख्य लक्षण और संकेत
- टाइप 2 डायबिटीज के कारण
- डॉक्टर को कब दिखाएँ?
- डायग्नोसिस और टेस्ट
- इलाज के विकल्प
- जीवनशैली में बदलाव
- संभावित जटिलताएँ
- डायबिटीज से बचाव के टिप्स
- भारतीय डायबिटीज डाइट चार्ट
- FAQs
- संबंधित लेख
1. टाइप 2 डायबिटीज क्या है?
टाइप 2 डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर इंसुलिन हार्मोन का सही उपयोग नहीं कर पाता। इससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।
- इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance): कोशिकाएँ इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रहतीं।
- अग्न्याशय की कमजोरी: समय के साथ अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता।
तथ्य: भारत में 7.7 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं (WHO, 2023)।
2. मुख्य लक्षण और संकेत
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में लक्षण नहीं भी हो सकते:
- बार-बार प्यास लगना
- अधिक पेशाब आना (विशेषकर रात में)
- थकान और कमजोरी
- धुंधली दृष्टि
- घावों का धीमी गति से भरना
- हाथ-पैरों में झनझनाहट
3. टाइप 2 डायबिटीज के कारण
मुख्य रिस्क फैक्टर्स:
- मोटापा: विशेषकर पेट की चर्बी (पुरुष >90 cm, महिला >80 cm)।
- अनुवांशिकता: परिवार में डायबिटीज का इतिहास।
- निष्क्रिय जीवनशैली: व्यायाम की कमी।
- गलत खानपान: प्रोसेस्ड फूड, शुगर युक्त पेय।
- उम्र: 45+ वर्ष के लोगों में जोखिम अधिक।
ध्यान दें: गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) से पीड़ित महिलाओं को भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा होता है।
4. डॉक्टर को कब दिखाएँ?
- यदि आपको लक्षण दिखाई दें।
- 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को नियमित ब्लड शुगर टेस्ट करवाना चाहिए।
- पारिवारिक इतिहास होने पर 30+ उम्र में स्क्रीनिंग शुरू करें।
5. डायग्नोसिस और टेस्ट
टाइप 2 डायबिटीज की पुष्टि के लिए ये टेस्ट किए जाते हैं:
टेस्ट | सामान्य रेंज | डायबिटीज रेंज |
---|---|---|
फास्टिंग ब्लड शुगर | 70-99 mg/dL | ≥126 mg/dL |
HbA1c | <5.7% | ≥6.5% |
OGTT | <140 mg/dL (2 घंटे बाद) | ≥200 mg/dL |
6. इलाज के विकल्प
टाइप 2 डायबिटीज का उपचार जीवनशैली प्रबंधन और दवाओं पर आधारित है:
दवाएँ:
- मेटफॉर्मिन: पहली पसंद की दवा, लिवर से ग्लूकोज उत्पादन कम करती है।
- SGLT2 इनहिबिटर्स: किडनी के ज़रिए अतिरिक्त शुगर बाहर निकालें।
- इंसुलिन थेरेपी: अग्न्याशय की कमजोरी होने पर।
जीवनशैली:
- वजन प्रबंधन: 5-10% वजन कम करने से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है।
- नियमित व्यायाम: 150 मिनट/सप्ताह एरोबिक एक्सरसाइज।
7. जीवनशैली में बदलाव
- डाइट प्लान:
- फाइबर युक्त आहार: साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ।
- शुगर और रिफाइंड कार्ब्स से परहेज।
- योग और ध्यान: तनाव कम करने के लिए प्राणायाम करें।
टिप: भोजन के बाद 15 मिनट की वॉक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है।
8. संभावित जटिलताएँ
अनियंत्रित डायबिटीज से ये समस्याएँ हो सकती हैं:
- हृदय रोग: हार्ट अटैक का खतरा 2 गुना।
- किडनी डैमेज (नेफ्रोपैथी)।
- नेत्र समस्याएँ (रेटिनोपैथी)।
- पैरों में अल्सर या गैंगरीन।
9. डायबिटीज से बचाव के टिप्स
- वजन घटाएँ: BMI 23 से कम रखें।
- सक्रिय रहें: रोज़ 10,000 कदम चलें।
- संतुलित आहार: नीचे दिए गए डाइट चार्ट को फॉलो करें।
10. भारतीय डायबिटीज डाइट चार्ट
समय | भोजन | फायदे |
---|---|---|
सुबह 7 बजे | गुनगुना नींबू पानी + 5 भीगे बादाम | मेटाबॉलिज्म बूस्ट |
नाश्ता (8:30 AM) | ओट्स खिचड़ी + 1 कप ग्रीन टी | लो-जीआई, हाई फाइबर |
दोपहर 1:30 PM | 2 चपाती + मूंग दाल + पालक सब्ज़ी | आयरन और प्रोटीन |
शाम 4:00 PM | भुना चना + नारियल पानी | एनर्जी बूस्ट |
रात 7:30 PM | सब्ज़ी सूप + ब्राउन राइस | लो-कार्ब, हाई न्यूट्रिएंट्स |
11. FAQs: टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े सवाल
Q1. क्या डायबिटीज ठीक हो सकती है?
A: पूरी तरह नहीं, लेकिन वजन कम करने और लाइफस्टाइल बदलने से इसे रिवर्स किया जा सकता है।
Q2. डायबिटीज में कौन-से फल खाएँ?
A: जामुन, अमरूद, पपीता, और संतरा (मात्रा नियंत्रित)।
Q3. क्या डायबिटीज में चावल खा सकते हैं?
A: हाँ, लेकिन ब्राउन राइस या क्विनोआ को प्राथमिकता दें।