मूत्रकृच्छ्र एक सामान्य लेकिन कष्टदायक समस्या है, जिसमें पेशाब करते समय जलन, दर्द या रुकावट महसूस होती है। यह समस्या पुरुष और महिला दोनों में हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, यह तब होता है जब शरीर के वात, पित्त और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं। खासकर पित्त और मूत्र दोष बढ़ने से मूत्रकृच्छ्र उत्पन्न होता है।
मूत्रकृच्छ्र के कारण
- अत्यधिक तीखा, तला हुआ या मसालेदार भोजन
- बार-बार पेशाब रोकना
- शरीर में गर्मी बढ़ना
- पेशाब की नली में संक्रमण
- मधुमेह या प्रमेह जैसी पुरानी बीमारियां
- गुप्तांगों की सफाई का अभाव
- अधिक समय तक बैठना या कब्ज रहना
मूत्रकृच्छ्र के लक्षण
- पेशाब करते समय जलन या चुभन
- बार-बार पेशाब आने की इच्छा, पर पेशाब रुक-रुक कर आना
- मूत्र का रंग गाढ़ा पीला या लाल होना
- पेट के निचले हिस्से में भारीपन या दर्द
- पेशाब की धारा पतली या रुक जाना
- पेशाब करते समय आवाज़ आना या रुकावट महसूस होना
आयुर्वेद में मूत्रकृच्छ्र के प्रकार
- वातज मूत्रकृच्छ्र – पेशाब में खिंचाव, दर्द मुख्य लक्षण
- पित्तज मूत्रकृच्छ्र – जलन और मूत्र का पीला या लाल रंग
- कफज मूत्रकृच्छ्र – भारीपन और चिकनाई वाला मूत्र
- शुक्ति मूत्रकृच्छ्र – पेशाब में रुकावट, जैसे पथरी या रेत हो
आयुर्वेदिक दवाएं और घरेलू उपाय
- गोक्षुरादि गुग्गुलु: मूत्र रुकावट और दर्द में लाभकारी। (सेवन: सुबह-शाम 2-2 गोली)
- पुनर्नवासव: मूत्र मार्ग की सूजन कम करता है। (2 चम्मच भोजन के बाद)
- गोक्षुरारिष्ट: पेशाब में जलन दूर करता है। (2 चम्मच दिन में दो बार)
- गिलोय सत और चंदन चूर्ण: पित्तज मूत्रकृच्छ्र के लिए।
- शीतल चूर्ण या शीतोपचारक योग: शरीर की गर्मी कम करता है।
घरेलू उपाय
- नारियल पानी: शरीर की गर्मी कम करता है, दिन में दो बार लें।
- खीरा और ककड़ी का रस: मूत्र मार्ग की गर्मी शांत करता है।
- बेल फल का शरबत: शीतल तासीर, जलन में लाभकारी।
- गोखरू का काढ़ा: मूत्र रोगों के लिए प्राचीन औषधि।
मूत्रकृच्छ्र में सही खानपान
खाएं
- नारियल पानी
- जौ का सूप
- मूंग दाल की खिचड़ी
- तरबूज, खीरा, पका केला
- गिलोय युक्त हर्बल चाय
परहेज करें
- तीखा, नमकीन भोजन
- शराब, चाय, कॉफी
- गरम मसाले जैसे लहसुन, अदरक
- बासी या डिब्बा बंद खाना
आयुर्वेदिक जीवनशैली सुझाव
- पेशाब कभी रोकें नहीं
- दिन में 10-12 गिलास पानी पिएं
- नाभि के नीचे गुनगुना पानी सेंकें
- योगासन जैसे वज्रासन, भुजंगासन करें
- मानसिक तनाव और क्रोध से बचें