🌿 दोहा

दोहा:
प्रातःकाल खटिया तै उठकै, पियै तुरंतै पानी।
कबहूं घर मां बैद न अहिहैं, बात घाघ कै जानी॥

अर्थ: सुबह उठकर तुरंत पानी पीने वाला व्यक्ति स्वस्थ रहता है। ऐसे व्यक्ति के घर कभी वैद्य नहीं आता। यह एक प्राचीन भारतीय कहावत है जो सुबह पानी पीने के स्वास्थ्य लाभों पर जोर देती है।


🌿 दोहा

दोहा:
कवार करेला, चैत गुड़, सावन साग न खाय।
ऐसा बोले भट्टरी, मन भावै तंह जाय॥

अर्थ: भाद्रपद महीने में करेले की सब्जी, चैत महीने में गुड़ और सावन महीने में साग नहीं खाना चाहिए। यह एक आयुर्वेदिक परंपरा पर आधारित मान्यता है। हालांकि, आधुनिक आहार विज्ञान इस पर पूरी तरह सहमत नहीं है।


🌿 दोहा

दोहा:
औरा हररा, पीपरि चित्त। सेंधा नमक मिलाओ मित्त॥
जूर जूड़ी और खांसी जाय। नींद भरि सौवे बहुत मोटाय॥

अर्थ: हरड़, पीपल और सेंधा नमक को मिलाकर सेवन करने से बुखार, जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है। यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खा है।


🌿 दोहा

दोहा:
बासी भात तैबासी माठा, और ककरी कै बतिया।
परे परे जुड़ावन आवै मुई लेब्या की घटिया॥

अर्थ: बासी भात और पुराना दही नहीं खाना चाहिए। इनके सेवन से बीमारियां हो सकती हैं, यहां तक कि मौत भी हो सकती है।